Unmindful of challenges- be it weather or distance or fatigue- IFFCO Managing Director Dr U S Awasthi is busy hurrying to cover 125 destinations -an itinerary planned during the opening ceremony of celebrating the 50th year of the fertilizer giant. Till now he has covered 120 destinations meeting farmers and cooperators.
Even cooperators much younger in age wonder at his stamina.” Not only does he travels from Kashmir to Kanyakumari effortlessly but also meets each and every farmers who come to hear him at each location; I marvel at his energy”, said a cooperator who had a chance to attend one of Awasthi’s meetings.
This week he covered four destinations including Moradabad, Saharanpur, Kurukshetra and Kashmir the 117, 118, 119, and 120th destinations respectively.
Addressing farmers in Moradabad, the IFFCO MD spoke on the importance of Neem trees and various steps IFFCO is taking in this regard. One of the farmers showcased his production of cauliflower which was praised by MD and
He tweeted “In Moradabad many farmers have exemplified their advanced cultivation to other farmers present on the occasion”. Sharing the success stories of an area on a wider scale has been his practice in this unique journey of connecting to farmers, said one of his team members.
As usual, Awasthi inaugurated the cooperative exhibition and health and eye check up camps held for farmers. IFFCO’s Director Shishpal Singh who accompanied Dr U S Awasthi also spoke on the occasion.
During his trip, Awasthi felicitated 10 farmers and 10 cooperators on the occasion and said the initiative of IFFCO is to encourage farmers.
“In Saharanpur, he urged farmers to connect with IFFCO’s digital Platform. Through this platform
In Kurukshetra his 119th destination in connect farmers campaign, . IFFCO Managing Director Dr U S Awasthi focused on Digital transaction and the need of mobile banking.
Dr Awasthi urged farmers to use their debit or credit card to buy agriculture inputs to promote cashless transactions in a big way. To provide farmers, with necessary information, IFFCO organized a mobile banking camp on the occasion.
यदि भारत जैसे देश में डॉ उदय शंकर अवस्थी जैसे पाँच व्यक्ति किसी संस्था के मुख्य कार्यपालक/प्रबंधनिदेशक के पद पर पदस्थापित हो तो, इस देश के प्रगति को जो माननीय नरेंद्र मोदी जी ने परिकल्पना की है को कोई रोक नहीं सकता।
आदरणीय प्रधानमंत्री मंत्री जी द्वारा दिनाँक 21 सितंबर को बिज्ञान भवन में इनामदार साहब की जयंती में सहकारिता एवमं कृषि छेत्र के विकाश हेतु दिए गए महत्वपूर्ण सुझाव को पूर्व से ही इफको द्वारा अपनाकर अमलीजामा पहनाया जा रहा है। या चाहे वो नीम पेड़ का बृक्ष रोपण का हो या फिर sea weed की खेती हो या फिर देश के किसानों को डिजिटल इंडिया से जोड़ने की बात हो ,इस छेत्र में भी इफको द्वारा इस देश में अगुआ के रूप में पताका फहराया जा रहा है।
देश में श्वेत क्रांति के लिए जिस तरह बर्गीश कुरियन साहब को याद किया जाता है उसी तरह सहकारी छेत्र में इफको का नाम भी सर्वश्रेष्ठ उर्वरक उत्पादन हेतु जाता है,जिसका एक और एक मात्र श्रेय डॉ उदय शंकर अवस्थी साहब को जाता है।
आज डॉ उदय शंकर अवस्थी एवमं उनके पूरे टीम के मेहनत और जज्बा का ही परिणाम है कि इफको के सम्बद्ध 36000 सहकारी समितियों वाला परिवार अपने बल बुते 75 लाख मीट्रिक टन उर्वरक का रिकॉर्ड उत्पादन के साथ 30000 करोड़ रुपये का turnover कर पूरे world में भारत का पताका लहरा रहा है।आज पूरे विश्व में कहीं भी सहकारिता के बैठकों में जाये वहाँ अवश्य रूप से इफको के प्रगति की गाथा सुनने को मिलेगी और हम सब भी देश के इस सहकारी संस्था की प्रशंसा सुनकर गौरवान्वित होते है।
डॉ अवस्थी जी के परिकल्पना को मूर्तरूप देने हेतु इफको द्वारा new corporate plan VISION 2020 के तहत रोड मैप बनाकर कार्य किया जा रहा है,वो दिन दूर नहीं जब अधिकतर उर्वरक निर्माता कंपनी इफको के production and marketing planning के सामने पूर्णरूपेण विबस होकर इफको के दफ़्तर पर अपने फैक्ट्री को बंद कर चाभी फेंकते नज़र आयेंगे।
आज देश के लगभग सभी सहकारी नेता सहकार सम्मेलन पर भाषण देने के क्रम में डूबते हुए कई सहकारी समितियों की साख बचाने के क्रम में इफको , अमूल और कृभको का नाम लेकर ही सोखी बघारते हैं और कहते नज़र आयेंगे कि भाइयों एवमं उपस्थित बहनों सहकारी छेत्र के इफको, कृभको या अमूल का भी तो संचालन निर्वाचित प्रतिनिधियों द्वारा किया जाता है जो इतनी सफलता पूर्वक कार्य देश हित मे कर रहें हैं ,ताकि हम सहकारी नेतागण अपनी साख बचाने में सफल हो सकें।
डॉ अवस्थी साहब द्वारा इफको के golden jubilee के अवसर पर देश के भिन्न- भिन्न 125 स्थलों पर पूरे बर्ष में सहकारी सम्मेलन कर किसानों एवमं समितियों के साथ जुड़ने का भागीरथी बीड़ा उठाया गया है यह संकल्प करना ही अपने आप मे इस उम्र के व्यक्ति के लिए कोई अस्वमेघ यज्ञ से कम नहीं था।डॉ अवस्थी द्वारा ऐसा निर्णय करना बहुत से विद्वान लोगों के समझ के परे था।परंतु मैं समझ सकता हूँ कि डॉ अवस्थी द्वारा ऐसा करना इफको के व्यापारिक हित मे अभी तक का लिया हुआ सबसे सर्वोपरि ऐतिहासिक कदम था।
गौरतलब है कि इस उम्र में भी पूरी जज्बा के साथ अभी तक सहकारी यात्रा का 116 वा पड़ाव बगैर चेहरे पर थकावट एवमं शिकन का पूरा कर चुके हैं।
मैं जहाँ तक समझ सकता हूँ कि अभी तक की यात्रा में लगभग 25 लाख किसानों एवमं सहकारी नेताओं से one to one मिल चुके हैं,और ये कोई साधारण बात नहीं है ,अभी तक मुझे सहकारिता में आये चंद दिन ही हुए है,परंतु मुझे भली भांति जानकारी है कि किसानों एवमं समितियों को संस्था हित मे जोड़ने का कार्य इस देश मे किसी व्यक्ति द्वारा नहीं किया जा सका,यदि मेरे इस सोच से इस देश के कोई भी व्यक्ति differ करता हो तो कृपया उस महानुभाव का नाम मुझे भी बताने का कष्ट करेंगें जो डॉ अवस्थी जैसा असाधारण कार्य संस्था हित में किया हो।
मेरा साफ मानना है कि डॉ अवस्थी द्वारा किया गया यह महान कार्य आने वाले बरसों में देश के परिदृश्य में परिलक्षित होगा और इस देश के अधिकतर किसान के चेहरे पर मुस्कान होगा और उस समय देश कहेगा कि डॉ अवस्थी की जो सोच है वो वाकई किसी के सोच से सैकड़ो कोस दूर समझ से परे अव्वल दर्ज़े का है।
Marvellous Comment by Dr. SUNIL JI