The report of the Hindi daily Hindustan from Patna on a PF scam of Rs 22 crore in BISCOMAUN has created uproar, even as those in the know of things dismiss it as a case of overzealous reporting. “When there was no salary for more than 17 years, how would PF come”, they argue.
Hindustan report mentions that while PF was being deducted, it was not being paid in the employees’ accounts. The report also talks of FIR and institution of case under Economic Offence wing.
Responding to the report, the current Chairman of Biscomaun Sunil Kumar Singh said “since 1985 to 2002, the Bicomaun was under Administrator’s rule; in which several top-notch IAS officials of the state of the time headed the cooperative federation; if the logic of the report were to be believed it would mean filing of FIRs against giants like R K Singh, Vyasji, Amitabh Verma and many others”. There are around 35 IAS officers in the list, he added.
“I had just matriculated and was looking for college admission when this so called scam began. But the simple thing to be understood is the fact that when there was no salary for the employees in those days from where would the money for PF come”; Sunil asked.
“In fact, we filed a case in High Court in 2015 in which we have demanded Rs 300 crore from the state govt which once realized would be utilized as arears of salary and PF contribution of the employees”, he explained. “The matter is still pending in the Patna High Court”, he added giving case number and other details.
The Chairman of Biscomaun also clarified that in the past, PF was being managed, not only in BICOMAUN but in many other cooperative organizations in the country, through Trusts. These trusts used to be run by employees themselves with little say of the Board in the matter, he stated.
There was one such Trust conceived in 1956 by the BISCOMAUN employees also, in which we recently prevailed and ensured the money be deposited in the PF.
When the situation turned better we not only began to give salaries on time but also contributed PF to the accounts of employees. For the last four years we have been giving salaries on first day of the month and PF is also deposited simultaneously in the employees’ accounts, he explained.
Later BISCOMAUN also mailed a press release explaining the PF case in detail. The release said that such a misleading report demoralizes the hard-working and honest staff-members of the co-op organization which has been doing a great job of fulfilling the needs of farmers of the state for the last 30 years.
सांच को आंच नहीं
आज पूरे बिहार में बिस्कोमान प्रबंधन इफको के सहयोग से उर्वरक कालाबाजारियों के ऊपर जो अंकुश लगा रहे हैं । उसी के विरोध में virodhi आनन फानन में तथ्यहीन बिना सोचे मुझे बिस्कोमान प्रबंधन को बदनाम करने का षड्यंत्र रच रहे हैं
जय सहकारिता जय बिस्कोमान
हम लोग जानते हैं डॉक्टर सुनील कुमार सिंह माननीय अध्यक्ष बिस्कोमान के निश्चय को इनके विरोधी कभी डिगा सकती.
डॉक्टर साहब आप डटे रहे हैं हम सब साथ हैं
जय सहकारिता, जय बिस्कोमान
हम लोग जानते हैं डॉक्टर सुनील कुमार सिंह माननीय अध्यक्ष बिस्कोमान के निश्चय को इनके विरोधी कभी डिगा नहीं सकती है।
डॉक्टर साहब आप डटे रहे हैं हम सब साथ हैं
₹1 बताइए ₹2000 पाइए
सबका साथ सबका विकास
इफको के सहयोग से आज बिस्कोमान बिहार राज्य के किसानों को उचित दाम पर उर्वरक मुहैया करा कर ईमानदारीपूर्वक निष्ठा भाव से मदद कर रही है यह पूरे राज्य कोई नहीं बल्कि पूरे देश के लिए अनुकरणीय है
265 का मतलब 265 ही होता है
यह स्लोगन केवल बिस्कोमान के माननीय अध्यक्ष डॉक्टर सुनील कुमार सिंह साहब ही दे सकते हैं ऐसा स्लोगन बिहार में किसानों के लिए कोई और देने की हिमाकत नहीं रखता है क्योंकि ऐसा स्लोगन देने के लिए ईमानदारी के राह पर चलना होता है
₹1 बताइए और ₹2000 पाइए
इफको के सहयोग से बिस्कोमान उचित दाम पर गुणवत्तापूर्ण उर्वरक किसानों को मुहैया कर सेवा कर रही है ।
उर्वरक माफिया एवं कालाबाजारियों को किसान की खुशहाली को देखा नहीं गया ।
डटे रहें कॉपरेटिव सम्राट डॉक्टर सुनील कुमार सिंह बिहार के किसान भाइयों आपके साथ है जय हिंद जय सहकारिता
टाइगर ऑफ बिहार कॉपरेटिव डॉक्टर सुनील कुमार सिंह
हाय हाय रे कालाबाजारियों की मजबूरी
कोशिश करने लगे बिस्कोमान के ऊपर फेंकने गोबर और धुरि
इफको के सहयोग से बिस्कोमान अध्यक्ष डाॅ0 सुनील कुमार सिंह किसानों के बीच उचित दाम पर उर्वरक मुहैया करने पर किया गया कालाबाजारियो द्वारा साजिश, जिससे हमलोग को नहीं लगता कि को-आॅपरेटिव सम्राट के निश्चय को डिगा सकता है।
ईमानदारी क्या होती है? यह बिस्कोमान से सीखने की बात है।
बिस्कोमान जिस ईमानदारी की राह पर चल कर आज किसानों के बीच इफको के सहयोग से उचित दाम पर उर्वरक मुहैया करा रही है।
वैसा संस्था एक बिस्कोमान के छोड़कर बिहार राज्य में क्या पुरे देश में संभव नहीं हैं। ढंका के चोट पर अखबार के माध्यम से एवं होर्डिंग लगा कर यूरिया का दाम प्रकाशित कर किसानों को उर्वरक मुहैया कराती है।
बिस्कोमान मे 265 का मतलब 265 ही होता है
P.F scam कालाबजरियो द्वारा किया जा रहा प्रयास कभी भी सफल नही होगा।
और cooperative अध्यक्ष को ये scam कभी नही हीला सकती है।
गणेश कुमार
पटना
It’s all fake news!!! Dr.Sunil Kumar Singh is the tiger of the co-operative. He dosent need to do any such things. .He is above all this.. he is simply great!!!!
हिंदुस्तान की रिपोर्ट में उल्लेख किया गया है कि पीएफ काटा जा रहा था, लेकिन कर्मचारियों के खातों में इसका भुगतान नहीं किया जा रहा था। यह झूठी खबर है। कोई पैसा नहीं काटा जा रहा था ।
सुनील सर जब तक है, कर्मचारी को समय पैर वेतन मिलता रहेगा।
सुनील सर के आने के बाद बिस्कोमॉन के कर्मचारी का वेतन समय समय पर मिलता रहा है और मिलता रहेगा जहां तक पी एफ की बात है तो यह उनके आने से पहले से बकाया है और न सरकार के तरफ कोई भी राशि बिस्कोमॉन को नहीं दी गयी है जिससे भुगतान किया जा सके और अभी बिस्कोमॉन की स्तिथि थोड़ा ठीक न होने के वजह से वह इतनी राशि भुगतान नहीं की जा सकती.
Realy Dr.Sunil Kumar Singh is the tiger of the co-operative.
biscomaun par 1 matra aadhipatya chairman sunil singh ka hai..wo biscomaun ko apni niji sampaati/company maantey hain. employee ke waajib salary ko apna capital gain bataatey hain..electrician ka SALARY 1 saal me mahangayi ka hawaala dekar badhaya jaata hai,lekin baanki employees ka liye mahangayi nahi badhi. jo chairman boley wahi Biscomaun ka kaanoon..
Pure case of yellow journalism,when there were no salary for more than 17 years, how would PF is maintainable.
A childish & zealous reporting.
W
P.F scam कालाबजरियो द्वारा किया जा रहा प्रयास कभी भी सफल नही होगा।
JAI HIND, JAI SAHKARITA, JAI BISCOMAUN
को-ऑपरेटिव विभाग में किसी ईमानदार व्यक्ति की चर्चा होती है तो वह बिस्कोमॉन के चेयरमैन डॉ सुनील कुमार सिंह ।
A pure case of yellow journalism when there was no salary for more than 17 years, how would PF is maintainable.
The fertilizer mafia is scared of BISCOMAUN & it’s chairman Dr.Sunil Singh,so spreading falls rumours.
Mera janam swatantra prapti ke baad ka hai. Mai ne jamindar or jamindari nahi dekhi hai. Kintu apne se baro se is sambandh me suna hai. aaj shirs sahkari sanstho ke chairman ko Dekh kar jamindar kaise hote honge or jamindari ka danda kaise chalta hoga is ka ehsas hota hai. “Mukhe kanoon chha” kabhi sunta tha , ab Pratidin sun raha hu or is ka aadi ho gaya hu.