Pramod Kumar Singh, the Chairman of Uttarakhand Cooperative Federation has reacted strongly to the cooperative minister Dan Singh Rawat’s assertion that 97 cooperative societies in the state are involved in alleged irregularities and all of them are being probed.
The minister said notices have been sent to the societies and if they failed to respond, these societies “would be disbanded and face stringent action.” The state has over 3500 co-operative societies involved in multifarious activities including providing of micro-finance to farmers, artisans and entrepreneurs.
Reacting sharply Pramod says “This is political vendetta to dislodge the societies that have been running smoothly for over ten years,”.
Action against only a few selected societies showed that ” this was part of a well-thought out strategy to target only Congress-backed co-operatives,” said PK Singh chairman, Uttarakhand State Cooperative Federation.
Earlier, the state govt had slapped a notice on Singh on the issue of hanky panky in the Federation. Talking to Indian Cooperative Singh said “these are false and baseless allegations; the notice that I have received from the govt does not even mention once about the Rs 17.5 crore scam.
It bears recall that Singh who is on the board of both NCUI and IFFCO. He is facing allegations of bribe to the tune of Rs 17.5 crore in two factories including Nainital based Soyabean Factory and Ranikhet based Drug Factory of the cooperative union.
Singh sees all these as gimmick as the co-op elections are due in the state.
जिसका अंदेशा था वो बेशर्मी शो का नाटक लगभग उत्तराखंड में शुरू हो ही गया है सहकारी तंत्र को सरकारीकरण में तब्दील करने का !
जैसे ही किसी प्रदेश में सरकार बदलती है वहाँ की ruling government में बैठे नुमाइंदे अपना पहला जोरआजमाइश का केंद्र सहकारिता को ही बनाते है।
प्रायः पूर्व में भी देखा गया है कि सरकार बदलने के साथ ही किसी सहकारी संस्था के निर्वाचित अध्यक्ष के विरुद्ध कोई आरोप लगाकर हटाने का अनवरत सिलसिला शुरू हो जाता है ,इसके लिए चाहे माननीय मंत्री महोदय को क़ानून में भी बदलाव क्यों न करना पड़े।
माननीय मंत्री महोदय भूल जाते हैं कि सहकारिता के झण्डे का सात रंगों का अलग ही महत्व है ,इस बैनर तले सभी जाति,धर्म और पार्टी के लोग होते हैं जो निःस्वार्थ भाव से संकल्पित राज्य के किसानों के उत्थान एवमं सहकारी आन्दोलन को मजबूत एवमं बुलंद करने में अपना जीवन समर्पित कर देते हैं।
कोई भी सहकारी बन्धु अपने संस्था को चाहे कितना भी ऊँचाई पर ले जाये,परन्तु Ruling party के माननीय मंत्री जी अपने भ्रष्टाचार वाले चश्मे से ही पूर्वाग्रह से ग्रसित होकर उक्त प्रजातांत्रिक व्यवस्था के तहत निर्वाचित प्रतिनिधि के तरफ देखते हैं।वो भ्रष्ट मंत्री शायद भूल जाते हैं कि वो भी प्रजातांत्रिक व्यवस्था के तहत ही निर्वाचित प्रतिनिधि हैं, बिडंबना है कि यदि उक्त निर्वाचित अध्यक्ष यदि कपड़े की तरह बदलते हुए ruling पार्टी में शामिल हो जाए तो सरकार में बैठे नुमाइन्दे को सिर्फ उसमें गुण ही दिखेगा अन्यथा उसे परमात्मा ही बचाये।
मेरा मानना है कि इस तरह से अनेक प्रदेशों में सहकारी आंदोलन को ग़लत ढंग से दमन एवमं दूषित करने के प्रयासः को भारतीय राष्ट्रीय सहकारी संघ,नई दिल्ली को राष्ट्रीय स्तर पर पुरज़ोर आवाज़ उठा कर प्रतिरोध करना चाहिए।साथ ही साथ इस देश के सभी प्रबुद्ध एवमं बरीय सहकारी नेता को भी अपने स्तर पर सहकारिता आंदोलन को कुचलने के प्रयासः का विरोध करना चाहिए।
मैं तो अपने प्रदेश ऐसे अनेक प्रकोप को कई बार झेल चुका हूँ यही कारण है कि मैं WWF खेलने के लिए gloves पहन कर ही बैठा रहता हूँ।
Dhanyawad sunil bhai aapka mat satya hai janpratinidhi mantri bante hi adhikari ho jata hai
comment by Dr sunil is true.
Dr sunil ishi bebaki ke liye jaane jaate hain,Bihar Goverment bhi Dr sunil se ladne me hichakti hai.
Half true. Cooperative Minister of UK is corrupt some says, But if there is proof why court is not moved. There should be some control , checks and measures on cooperatives also. Cooperatives are business entities not math or temples where mahantwaad is seen. Only when a Mahath dies some other disciple takes over. This is against the spirit of cooperative federalism as well as democratic values. I